THE BLIND MAN
D.H. LAWRENCE
नेत्रहीन व्यक्ति ( सूरदास )(भाग-9)
बैरटी थका हुआ लग रहा था।उसकी आँखों के घेरे काले दिख रहे थे। इसाबेल गर्भावस्था की स्वाभाविक खूबसूरती से निखर गई थी। उसके कुछ घुंघराले और लापरवाही से बंधे बाल आकृषित कर रहे थे। पर उसकी पुरानी बैचेनी इस समय जागृत हो रही थी।
” मेरे खयाल से हम सभी में कुछ न कुछ कमजोरियाँ होती हैं।” बैरटी बोला
” हाँ, मैं भी मानती हूँ।”
” सबकी अपनी-अपनी किस्मत” बैरटी आगे बोला
” मुझे पता नहीं, पर मुझे सब शांत प्रतीत होता है। बच्चे के आने की खुशी ने मुझे बदल दिया है, अब कोई समस्या , समस्या नहीं लगती है। मन बहुत शांत है। “
” यह तो बहुत अच्छी बात है।” बैरटी ने धीरे से कहा।
” यह सब प्रकृति का ही करिश्मा है। माॅरिस को लेकर भी परेशान, नहीं हूं ,अपितु बहुत संतुष्ट हूँ ।” इसाबेल ने शांत मन से कहा।
“पर तुम्हें उसके लिए चिंतित होना चाहिए” बैरटी बोला
“अच्छा , मुझे नहीं पता।” इसाबेल ने कुछ रूखे भाव से कहा।
संध्या काल बीते समय हो गया था। रात गहरा गई थी। इसाबेल ने कहा, ” दस बज गए होंगे, माॅरिस अभी तक नहीं आया अब तो सब अपने घरों में होंगे।”
व्यग्रता से बाहर जाकर तुरंत अंदर आती हैं । “सबके घर के दरवाजे बंद हैं । वह खेतों की ओर गया होगा।” इसाबेल ने कहा।
” मेरे विचार से वह आता ही होगा।”
” हाँ, मुझे भी ऐसा ही लग रहा है। पर सामान्यतः वह इस समय बाहर नहीं जाता है।”
” क्या मैं उसे देखने जाऊं?”
अगर तुम्हें परेशानी न हो।” यह कहते हुए इसाबेल ने अपनी शारीरिक अवस्था पर निगाह डाली ।
” नहीं,मैं जाता हूँ ।” बैटरी ने ओवरकोट पहना और लालटेन लेकर बाहर निकल गया।
बारिश की तेज बौछार और हवा से उसे कंपकंपी होने लगी। चारों तरफ छाया गीलापन उसे बैचेन कर रहा था। एक कुत्ता उस पर भौंक रहा था।
उसने आसपास की इमारतों पर निगाह डाली, बीच वाले खलिहान में झांकने से उसे कुछ आहट लगी। लालटेन की रोशनी से उसने अंदर देखने का प्रयास किया । उसने देखा पर्विन टरनीप पलपर पकड़े खङा है और कुछ सुनने का प्रयास कर रहा है। शायद वह शकरकंदी का गूदा निकाल रहा था।
माॅरिस को आहट हुई तो बोला,” कौन वर्नहम्स ?”
“नहीं , मैं बैरटी।”
एक बड़ी आधी जंगली बिल्ली माॅरिस के पैरों पर लोट रही थी और माॅरिस भी उसकी ओर थोङा झुक कर उसे सहला रहा था। बैरटी ने भी उन्हें देखते हुए अंदर प्रवेश किया । दरवाज़ा जा उसने पीछे से बंद कर दिया। इस खलिहान में चारों तरफ मवेशी बंधे थे. बैरटी धीरे-धीरे माॅरिस की ओर बढ़ा।
माॅरिस बोला,” इसाबेल ने तुम्हें मुझे ढूंढने भेजा है?
” हाँ, वह तुम्हारे लिए चिंतित थी। ‘
“मुझे यहाँ सब व्यवस्थित करना था।, बस आने ही वाला था।” माॅरिस बोला।
बङी बिल्ली फिर अपने मालिक के पास आकर अपने पंजों के बल खङे होकर उसके पैरों तक पहुंचने की कोशिश करने लगी, माॅरिस ने धीरे से उसे अपने से अलग किया।
क्रमशः
👌👌🌹
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सुनियोजित,, क्रमशः,, कथानक 👌 अतिसुंदर
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