MY FINANCIAL CAREER
STEPHEN LEACOCK

मेरा वित्तीय रोजगार (अंतिम भाग)

मैं फिर बोला,” नहीं, मैं कोई जासूस नहीं हूँ , मैं आपके बैंक में एक खाता खोलना चाहता हूँ और अपनी समस्त धनराशि उसमें जमा करना चाहता हूँ ।”


मेरे यह कहने के साथ ही वह थोङा गंभीर हो गया, अब उसने मुझे एक बहुत बङा धनवान व्यक्ति समझा होगा , संभवतः बैरिन रूथचिल्ड की कोई संतान ही समझा हो।
वह बोला,” एक बङा खाता
एक बहुत बङी धन राशि ?”

मैं धीरे से उसके करीब होकर फुसफुसाया,” मैं अभी छप्पन डॉलर खाते में डालूंगा , फिर प्रत्येक माह पचास डाॅलर इसमें जमा करता रहूँगा।”

यह सुनते ही मैनेजर उठा और कमरे का दरवाज़ा खोला और एक क्लर्क को बुलाकर कहा,” श्रीमान माॅनटगोमरी , यह महोदय , अपना खाता खोलना चाहते हैं , जिसमें वह छप्पन डाॅलर जमा करेंगे ।”

मुझे देखकर कहा, “नमस्ते”। मैं भी नमस्ते कहकर खङा हो गया, मैं बाहर की ओर बढ़ने लगा, उसने शांत रहते हुए, मुझे बाहर का रास्ता दिखाया ।

मैं क्लर्क के साथ गया और उसे अपनी समस्त धन राशि, छप्पन डाॅलर खाते में डालने के लिए दे दिए। उस धन राशि को देते हुए मेरे दिल की हालत ऐसी थी जैसे अपने किसी प्रियजन से दूर होते समय होती है।

जब समस्त औपचारिकताएं और प्रक्रियाएं पूरी हो गई तब मुझे ध्यान आया मैंने समस्त धनराशि तो जमा कर दी, पर अपने वर्तमान खर्चों के लिए तो कुछ रखा ही नहीं है।

मैंने सोचा, छः डॉलर निकाल लेता हूँ । अपनी यह इच्छा मैंने क्लर्क के सामने प्रकट की, तो तुरंत एक क्लर्क चेकबुक ले आया और एक ने मुझे बताया कि मुझे कहां, क्या लिखना है।
वे सब मुझे एक करोड़पति ही समझ रहे थे, पर इस समय मेरी मानसिक दशा अस्वस्थ है, ऐसा उन्होंने मान लिया था।


मैं बहुत घबराया हुआ था । चेक में सब लिख कर मैंने क्लर्क को पकङा दिया। वह चेक को देखकर आश्चर्य से बोला, ” आप फिर अपनी समस्त राशि निकाल रहे हैं ?” उसके ऐसा कहते ही वहां बैठे सब लोग मुझे देखने लगे।

उसने पैसे निकाल कर देने से पहले पूछा,” आपको पैसे किस तरह चाहिए ?”
मैं बहुत घबरा रहा था, उसका प्रश्न नहीं समझ सका।
उसने प्रश्न दोहराया, ” आपको पैसा किस रूप में चाहिए?


मैं उसके प्रश्न का अभिप्राय समझकर बोला, “50 डॉलर नोट”
उसने मुझे एक 50 डॉलर का नोट पकङा दिया ।
फिर उसने पूछा, “और 6 डॉलर?”
मैंने जवाब दिया , “6 डॉलर नोटस” उसने मुझे 6 डॉलर दे दिये ।

मैं पैसे लेकर तेजी से बैंक से बाहर निकल गया । बैंक का बङा दरवाजा बंद होते ही, एक जोरदार ठहाके की आवाज़ बैंक की छत को फाङकर बाहर तक आ रही थी।


उसके बाद मैं कभी बैंक नहीं गया था। अपने खर्चे की रकम जेब में रखता और ज़मा राशि एक मोजे में चांदी के डाॅलर के रूप में रखता था ।

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